रोमांटिक शायरी इन हिंदी
मेरे महबूब तेरे होंठ चूम लूँ
फिर जो लफ्ज़ आएगा वो आधा तेरा आधा मेरा
मैं खत्म कर दूं सारी थकावटें तेरी
तू एकबार मेरी बाज़ुओं में आ तो सही
न तुम्हें होश रहे और न मुझे होश रहे,
इस क़दर टूट के चाहो मुझे पागल कर दो।
चमका न करो जुगनू की तरह रात को,
ले जाउंगा मुट्ठी में किसी रोज़ छुपा कर
चाहत है या दिल्लगी या यूँ ही मन भरमाया है,
याद करोगे तुम भी कभी किससे दिल लगाया है।
तुम मिल गए तो मुझ से नाराज है खुदा,
कहता है कि तू अब कुछ माँगता नहीं है।
तेरे रुखसार पर ढले हैं मेरी शाम के किस्से,
खामोशी से माँगी हुई मोहब्बत की दुआ हो तुम।
मैं वक़्त बन जाऊं तू बन जाना कोई लम्हा,
मैं तुझमें गुजर जाऊं तू मुझमें गुजर जाना।
सामने बैठे रहो दिल को करार आएगा,
जितना देखेंगे तुम्हें उतना ही प्यार आएगा।